बिहार में उद्योग के लिए पैसा कहां से आएगा

प्रशांत किशोर ने बताया कि बिहार में उद्योग के लिए पैसा कहां से आएगा



जन सुराज की परिकल्पना



जन सुराज की परिकल्पना

स्वतंत्रता के बाद 50 के दशक में भारत के अग्रणी राज्यों में शामिल बिहार, आज देश का सबसे पिछड़ा और गरीब राज्य है आज गरीबी, अशिक्षा, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार जैसी समस्याओं से लोगों का यहां बुरा हाल है। अब समय है स्थिति को बदलने का और लोगों के जीवन में बेहतरी के लिए, बिहार की व्यवस्था में आमूल-चूल परिवर्तन का इस संकल्प के साथ और आने वाले 10 सालों में बिहार को देश के शीर्ष 10 राज्यों की श्रेणी में शामिल कराने के लिए जन सुराज का यह अभियान समाज के सही लोगों को जोड़कर, एक सही सोच के साथ सामूहिक प्रयास के जरिए एक ऐसी व्यवस्था बनाने की कोशिश है, जिससे सत्ता परिवर्तन सही मायनों में व्यवस्था परिवर्तन का जरिया बने।



जन सुराज पदयात्रा



पदयात्रा के 3 मुख्य उद्देश्य

1. समाज की मदद से जमीनी स्तर पर सही लोगों को चिन्हित करना और उनको एक लोकतांत्रिक मंच पर लाने का प्रयास करना।

2. स्थानीय समस्याओं और संभावनाओं को बेहतर तरीके से समझना और उसके आधार पर नगरों एवं पंचायतों की प्राथमिकताओं को सूचीबद्ध कर, उनके विकास का ब्लूप्रिंट बनाना।

3. बिहार के समग्र विकास के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, आर्थिक, विकास, कृषि, उद्योग और सामाजिक न्याय जैसे 10 महत्वपूर्ण क्षेत्रों में विशेषज्ञों और लोगों के सुझावों के आधार पर अगले 15 साल का एक विजन डॉक्यूमेंट तैयार करना

अब तक की पदयात्रा

309

दिन

1934

गाँव

133

प्रखण्ड

2774

+

किलोमीटर



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जन सुराज संवाद





जन सुराज मीडिया में





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कार्यालय: मकान नं 27 - पाटलिपुत्र कॉलोनी,
पोस्ट - पाटलिपुत्र, पटना, बिहार -800013